अनजाने चेहरों वाली
सीमाओं से पार
भाषाओं से इतर
कई तस्वीरें
देखीं /
सुनीं
पहली-पहली बार
तुम्हारे ही संग.
उनमें बसा प्रेम
उभरा तब तुम्हारी आंख से
छलका हमारे होंठों तक.
आज फिर
गया उसी दौर में
पर अबूझ रह गए
वो चित्र.
जड़ हैं नायक
स्थिर नायिकाएं.
ना वहां युद्ध था
ना प्रेम
था तो बस
एक अटूट एकांत.
सन्नाटा
जिसे चीर पाना
नहीं मुमकिन
मेरे लिए
बिना तुम्हारे.
अब अपने ही गर्भ में
छिपा लो.
जन्म देने से पहले
सिखा देना
अवाक् हो जाने के
चक्रव्यूह से निकलने का
अभेद्य मंत्र
~Chandi Dutt Shukla~
सीमाओं से पार
भाषाओं से इतर
कई तस्वीरें
देखीं /
सुनीं
पहली-पहली बार
तुम्हारे ही संग.
उनमें बसा प्रेम
उभरा तब तुम्हारी आंख से
छलका हमारे होंठों तक.
आज फिर
गया उसी दौर में
पर अबूझ रह गए
वो चित्र.
जड़ हैं नायक
स्थिर नायिकाएं.
ना वहां युद्ध था
ना प्रेम
था तो बस
एक अटूट एकांत.
सन्नाटा
जिसे चीर पाना
नहीं मुमकिन
मेरे लिए
बिना तुम्हारे.
अब अपने ही गर्भ में
छिपा लो.
जन्म देने से पहले
सिखा देना
अवाक् हो जाने के
चक्रव्यूह से निकलने का
अभेद्य मंत्र
~Chandi Dutt Shukla~
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