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यूं तो शारीरिक सक्रियता को सबसे अच्छी चिकित्सा माना गया है, और योग तो इस मामले में एक कदम आगे है। आसनों के अभ्यास से सक्रियता के अलावा कुछ विशेष परेशानियों में भी लाभ देखा गया है, ऐसी ही एक परेशानी है, कमर का दर्द, जिससे आम तौर पर हमें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसे आधुनिक भाषा में लोबैकपेन या लम्बेगो कहते हैं अभी हाल में ही अमेरिका के सिएटल के ग्रुप रिसर्च इंस्टीच्युट के शोधकर्ताओं के अध्ययन ,जिसे आर्चिव आफ इन्टरनल मेडीसिन में प्रकाशित किया गया है, के अनुसार योग-अभ्यास का प्रभाव कमर के दर्द से निजात दिलाने में अब प्रमाणित हो गया है ,और यह भी सिद्ध हो गया है, कि आसनों का सीधा सम्बन्ध दर्द को दूर करने से है। पिछले अध्ययनों के अनुसार आसनों एवं ब्रीदिंग-एक्सरसाइज मानसिक तनाव को मुक्त कर दर्द को कुछ हद तक कम करने में सफल होते हैं, इसे इस नई शोध के परिणाम ने पूरी तरह से बदल दिया है।
इस शोध के अनुसार योग अभ्यास से कमर दर्द में सीधे लाभ मिलता है, जो केवल मानसिक थकान कम करने से ही सम्बंधित नहीं है।इस अध्ययन में 228 कमर दर्द से पीडि़त रोगियों का चयन किया गया,जिनमें किसी न किसी रूप में स्पाइनल डिस्क से सम्बंधित समस्या थी, इन्हें तीन अलग-अलग समूहों में बांटकर दो प्रकार की कक्षाओं में सम्मिलित किया गया , एक कक्षा में रोगियों को स्वयं सेल्फकेयर द्वारा किताबों से पढ़कर कुछ कमर दर्द से निजात पाने क़ी एक्सरसाइज का अभ्यास कराया गया ,तथा दूसरे समूह को औपचारिक रूप से कमर दर्द में लाभकारी योग के आसनों का अभ्यास कराया गया।
सेल्फकेयर समूह में लाभ का प्रतिशत 20 था ,जबकि औपचारिक रूप से योग आसनों के अभ्यास करने वाले समूह में यह प्रतिशत कहीं अधिक 80 था। ऐसा देखा गया ,कि सेल्फ केयर समूह क़ी अपेक्षा योग कक्षा में शामिल दुगने कमर दर्द से पीडि़त रोगियों ने अपनी दर्द की गोलियों को लेना छोड़ दिया।
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